पुस्तक चयन सिद्धान्त |
1. मेल्विन ड्युई का सिद्धान्त (1876):- अधिकतम पाठकों के लिए न्युनतम मुल्य पर सर्वोत्तम पुस्तक प्रदान करना
मेल्विन ड़ी.वी. के इस में तीन तत्व विधमान है।
सर्वोत्तम पुस्तक
अधिकतम पाठक
कम मुल्य
2. डूरी का सिद्धान्त . सही पुस्तक सही पाठक के लिए समय पर उपलब्ध हो जाए।
1930 में प्रतिपादित किया
दूरी द्वारा प्रतिपादित पुस्तक पुस्तक चयन के सिद्धान्त में पाठक केन्द्र बिन्दू होता है।
सार्वजनिक पुस्तकालय में गं्रथ चयन की ड़ाॅक्टर एस.आर. रंगनाथन ने चार कोटियों की पहचान की
1 नव शिक्षित
2 नीचे स्तर के शिक्षक
3 मध्य स्तर के शिक्षित पाठक
4 पुर्ण शिक्षित
ड़ाॅक्टर एस.आर. रंगनाथन ने इस सम्बध में पेड़लर पद्धति की चर्चा की। इस विधि के अनुसार पुस्तकालय कर्मचारी पुस्तकों की सूची सैन्य समुह को दिखाता है। और उनकी वांछित पाठय सामग्रियों को नोट करता है।
3. मैकाल्विन का सिद्धान्त:-
माँग का सिद्धान्त
1925 में प्रतिपादित मैकाल्विन के अनुसार माँग के तीन पक्ष होते है
1. उपयोगिता 2. आकार 3. विभिन्नता
सर्वप्रथम अपनी पुस्तक ‘‘थ्योरी आॅफ बुक सलेक्शन में माँग पुर्ति के सिद्धान्त को पुस्तक चयन के सिद्धान्त के रूप में प्रतिपादित किया
पुस्तकालय में माँग पुर्ति का सिद्धान्त पुस्तक की उपयोगिता पर आधारित होता है।
अधिक उपयोगी पुस्तक अधिक माँग अधिक चयन
कम उपयोगी पुस्तक कम माँग कम चयन
अनुपयोगी पुस्तक न्युन माँग चयन नही
4. रंगनाथन का सिद्धान्त:-
ड़ाॅक्टर एस.आर. रंगनाथन ने अपनी पुस्तक लाइब्रेरी बुक सलेक्शन में पुस्तक चयन के सिद्धान्तों का विस्तृत वितरण पुस्तकालय विज्ञान के 3 सुत्रों पर किया है।
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