सेंसरशिप | censorship in Hindi



सेंसरशिप censorship शब्द लेटिन भाषा के सेंसर censere से लिया गया है। जिसका अर्थ है परखना मूल्यांकन करना सुनिश्चित करना


Library Science With Rakesh Meena
सेंसरशिप
परिभाषा:- बाज के अनुसार:- सेंसरशिप सरकार गैर सरकारी संस्था समूह द्वारा अथवा व्यक्ति के द्वारा किया गया ऐसा प्रयास है। जो लोगों को उस साहित्य को पढ़ने देखने अथवा सुनने से रोकता है। जिसको सरकार अथवा लोक नैतिकता के लिए अवरोधन समझा जाए

सेंसरशिप ऐसी प्रक्रिया हैं जो धार्मिक अपराध राजनीतिक राजद्रोह अश्लीलता  तथा नग्न चित्रों की अभिव्यक्ति प्रदर्शन अथवा संचार माध्यम पर नियंत्रण करती हैं

भारत में सर्वप्रथम प्रतिबंध लगाए थे वह 1799 मैं लाॅर्ड़ वेलेजली ने लगाए थे

1867 ने प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम लागू हुआ ब्रिटिश ने 1923 में इस अधिनियम पर रोक लगा दी थी देश के विरूद्ध कोई भी भड़काऊ लेख न छापे और दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान हैं

सेंसरशिप के प्रकार

1. धर्म द्रोह:- किसी प्राकृतिक धार्मिक समुदाय के अधिकृत सिद्धान्तों के विरूद्ध आस्था सामान्य अथवा परंपरागत आस्था के विरूद्ध आचरण किया जाता है एवं परंपरागत आस्था के विरूद्ध भ्रामक प्रचार फैलाना ऐसी स्थिति में सेंसरशिप लागू किया जा सकता हैं

2. देश द्रोह:- जिसमें सरकार को धोखा देना अथवा किसी देश की सरकार की सरकार को अपने ही देशवासियों द्वारा सत्ता से हटाए जाने का षड़यंत्र रचने की संभावना या उसे उखाड़ फेंकने की संभावना हो तथा देश की गुप्त सूचनाएं लीक करना ऐसी स्थिति में सेंसरशिप लागू किया जा सकता हैं

3. अश्लीलता:- अश्लीलता समाज में खुलेआम या संवेदनशील तथा अभद्रता यौन संबंध अनैतिक व्यवहार मानदड़ों पर आक्रमण करना आदि आता हैं इसके लिए सेंसरशिप लागू किया जा सकता हैं

पुस्तकालय एवं सेंसरशिप:-

इसलिए ड़ाॅ. रंगनाथन का कहना हैं कि पुस्तकालय अध्यक्ष सेंसरशिप कानून के माहिर नहीं हैं फिर भी उनका कर्तव्य है कि ऐसी पुस्तकों का अध्ययन करने से बचना चाहिए जो समाज विरोधी प्रकृति की हो प्रकाशनों तथा लेखकों का भी कर्तव्य है कि समाज में ऐसी पुस्तकों को लाया जाए जो लोगों के जीवन मूल्यों पर नैतिकता को उच्च करें

फिल्म सेंसर बोर्ड़
फिल्म सेंसर बोर्ड़ या सेट्रल बोर्ड़
आॅफ फिल्म सर्टिफिकेशन का गठन 1952 में सिनेमेटोग्राफी  एक्ट के अंतर्गत किया गया था। यह एक वैधानिक संस्था हैं केंद्रीय फिल्म प्रमाणक बोर्ड़ सेंसरशिप बोर्ड़ 1952 में रोक लगाई थी भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आता हैं

     1.     U सभी उम्र के लोगों के लिए फिल्म

        2.     U/A 12 वर्ष से छोटा बच्चा अपने पेरेंट्स के साथ देखें
        3.     A एड़ल्ट 18 वर्ष से बड़े लोग देख सकते हैं
        4.     S स्पेशल लोगो के लिए ड़ाॅक्टर इंजीनियर साइंटिस्ट

     किसी फिल्म को जनता को दिखाए जाने से पहले उसे बोर्ड़ देखता हैं और इसे दिखाए जाने की अनुमति देता है। बोर्ड़ इस बात की जाँच करता हैं कि उस फिल्म में संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जो सामान्य से प्रतिबद्ध हैं उनका उल्लंघन तो नहीं किया गया हैं इसके अलावा उसमें समाज से जुड़े किसी समूह की मर्यादा को भंग तो नहीें किया गया हैं। फिल्म में शिष्टता,  नैतिकता की सीमाओं को तोड़ा तो नहीं किया गया हैं।

    चूँकि बोर्ड़ सरकारी सहायता से चलता है, इसलिए सरकार इसके लिए समय समय पर कुछ ठोस दिशानिर्देश जारी करती हैं। वर्तमान में फिल्मों में ऐसे दोहरे अर्थ वाले शब्दों के प्रयोग पर प्रतिबंध है, जो मूल प्रवृृतियों को हताहत करते हैं। ऐसे शब्दों और दृश्यों के प्रदर्शन पर रोक हैं जो सांप्रदायिक हों, विज्ञान - विरोधी और देश विरोधी हो। साथ ही अश्लीलता या भ्रष्टाचार का प्रदर्शन उस सीमा तक ही करने की छुट है। जहाँ तक वह मानवीय संवदेनशील पर प्रहार न करें। एक तरह के सरकार के ये दिशानिर्देश फिल्म प्रमाणन बोर्ड़ को अनुच्छेद 19 (2) के अंतर्गत अपने विवेक का प्रयोग करके फिल्म को प्रमाणपत्र देने की आजादी दे देते हैं।


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