भारतीय लाइब्रेरी एसोसिएशन - ILA

भारतीय लाइब्रेरी एसोसिएशन ( इला ) 13 सितम्बर को स्थापित किया गया था, 1933 पंजीकृत सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 का XXI) के तहत, पहले के अवसर पर अखिल भारतीय लाइब्रेरी सम्मेलन कलकत्ता (अब में आयोजित कोलकाता )। ILA 7000 से अधिक की सदस्यता के साथ भारत में पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में सबसे बड़ा और प्रसिद्ध पेशेवर निकाय है। ILA का मुख्यालय भारत में दिल्ली में स्थित है।
द जर्नल ऑफ़ इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन (JILA) इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन (ILA) का एक आधिकारिक अंग है। यह पत्रिका पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के सभी विभिन्न पहलुओं को शामिल करती है। आईएलए के आधिकारिक अंग के रूप में JILA की शुरुआत 1965 से हुई थी। पत्रिका को त्रैमासिक प्रकाशन के रूप में जारी किया जाता है। JILA एक सहकर्मी की समीक्षा की जाने वाली पत्रिका है जो इस विषय पर उच्च गुणवत्ता के शोध लेख प्रकाशित करती है।

भारतीय लाइब्रेरी एसोसिएशन
भारतीय लाइब्रेरी एसोसिएशन 
उद्देश्य:-
   1.   देश में पुस्तकालय आन्दोलन को गति प्रदान करना तथा अधिनियम पारित करवाना
   2.   पुस्तकालय अध्यक्षों के स्तर को उन्नत बनाने का प्रयास करना
   3.   प्रशिक्षण कार्यक्रम को बढ़ावा देना
   4.   अन्र्तराष्ट्रीय संगठनों एवं संस्थाओं के साथ सहयोग स्थापित करना
   5.   कर्मियों के वेतन उनकी सेवा, शर्त तथा उनके स्तर में सुधार लाना
संविधान:-
पुस्तकालय संघ का सविधान 1933 में बनाया गया तथा लागू 1949 मे किया
संशोधन 11 जनवरी 1981 में तथा दूबारा संशोधन 5 फरवरी 1987 को हुआ।
सम्मेलन व गोष्टी गतिविधियाँः-
ILA द्वारा प्रतिवर्ष दिसम्बर में अखिल भारतीय पुस्तकालय सम्मेलन और साधारण समिति की गोष्टी आयोजित की जाती है।
संघ द्वारा 33 सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है।
नवम्बर 1985 में संघ ने रंगनाथन का दर्शन नामक विषय पर अन्र्तराष्ट्रीय संगोष्टि का आयोजन किया गया इसमें विश्व 162 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।
      ILA का IFLA के सहयोग अक्टुम्बर 1985 में UAP ( Universal Avalibity Publication) क्षेत्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया
      प्रतिवर्ष एक सम्मेलन का आयोजन करता है जो नवम्बर व दिसम्बर में होता है।
      23 से 25 नवम्बर 2017 को लखनऊ में 63 वाँ सम्मेलन और 125 वीं जन्म वर्षगाठ थी ड़ाॅक्टर एस. आर.  रंगनाथन की
      जुन 1986 में 6 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका विषय था एप्लीकेशन आॅफ कम्प्यूटर     एण्ड़ लाइबे्ररी इन्र्फोमेशन एक्टीवीटी (Activities)
           ILA ने 14 से 20 नवम्बर पुस्तकालय सप्ताह की घोषणा की
       
        सदस्यता:-
        ILA की स्थापना के समय इसकी सदस्य संख्या 70 थी और वर्तमान में सदस्य संख्या 7000 से अधिक है
       आजीवन सदस्यता शुल्क 1500 रूपये है।
      इसके मानक सदस्यष्प्रगति एवं विकास से जुड़े व्यक्ति होते है इस संघ के समस्त हर दो वर्ष बाद अपने   पदाधिकारी चुनते है ड़ाक पत्र का चुनाव होता है

 

           इसकी सदस्यता आठ प्रकार की होती है।   
            1.   सरक्षंक सदस्यता
            2.   मानद सदस्यता
            3.   विदेशी
            4.   संस्थागत
            5.   आजीवन
            6.   सहायक सदस्यता
            7.   साधारण
            8.   पुस्तकालय संघ सदस्यता
       ILA के प्रकाशन:-
ILA लाइब्रेरी बुलेटिन (ILA library bulletin) 1942 से शुरू हुआ। इसे 1945 में बंद कर दिया गया बाद में  इसे ABGILA (Annals  Bulletin  Granthalaya of ILA) नाम दिया गया जो कि 1949 से 1953 तक जारी रहा।   1955 में इसे भारतीय पुस्तकालय संघ के एक पत्रिका के रूप में प्रकाशित किया गया ।
      ILA BULLETIN नामक पत्रिका 1965 में प्रारंभ की गई परंतु 2011 में इसका नाम जर्नल भारतीय            
      पुस्तकालय संघ ( JILA ) कर दिया
     संघ की अपनी मुख्य पत्रिका ILA बुलेटिन के नाम से प्रकाशित होती है यह एक त्रैमासिक पत्रिका है जो 1965  से प्रकाशित हो रही है
    1949 में ABGILA का प्रकाशन किया गया
      1948 में ILA News Letter का प्रकाशन यह (मासिक) है
      ILA के अन्य प्रकाशनः-
           1.       Indian Libraray Directory
           2.       Indian Member Directory
           3.       ILA Member Directory
           4.       Fifty Years Of ILA 1984
           5.       Hand Book Of Libraries And Librarianship
           6.       Union Catalog Of Learning Periodicals In South Asla
         7.     International Conferance On Ranganathan Philosphy (1986)

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