अनुरक्षण विभाग

अनुरक्षण विभाग से तात्पर्य है। की पुस्तकों का रखरखाव उनकों वर्ग अनुसार क्रम में व्यवस्थित करना है। पाठक द्वारा पुस्तक पढ़ने के बाद पुस्तक को दुबारा फलक पर ठीक स्थान पर व्यवस्थित करना और धूल आद्रता ताप एवं कीट से रक्षा करना इस अनुभाग का काम है।

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अनुरक्षण विभाग

पुस्तकों का व्यवस्थापन हम निम्न प्रकार से कर सकते है।

1.  खंड़ित कर्म से तात्पर्य है। की पुस्तकालय में पाठक के समय की बर्बादी ना हो इसलिए उन विषयों को पहले वर्ग अनुसार क्रम में व्यवस्थित किया जाता है। जिनका उपयोग ज्यादा होता है। और जिन पुस्तकों का उपयोग कम होता है। उनको अंत में व्यवस्थित किया जाता है। इस प्रकार के व्यवस्थापन में वर्गीकरण पद्धति का पालन नहीं होता है। इसलिए इससे खंड़ित कर्म करते है।

2.  समांतर क्रम जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है। कि पुस्तकों को समांतर क्रम में रखा जाता है।

1. पुस्तकों की सुरक्षाः-

ड़ाॅक्टर एस. आर. रंगनाथन के पुस्तकालय विज्ञान के 5 सूत्रों में से प्रथम सूत्र पुस्तक उपयोग के लिए है। अतः अनुरक्षण विभाग का यह कर्तव्य है कि पुस्तकों की सुरक्षा का प्रबंध करें।

पुस्तकालय में पुस्तकों शती के कारण एवं उनके सुरक्षात्मक उपाय निम्न प्रकार है।

पाठकों द्वारा श्रतिः पुस्तकालय में पाठक आते है तो पुस्तकों को उलट-पुलट करते-करते टेड़ी मेड़ी छोड़ कर चले जाते है। पेंसिल अथवा पेन चिन्ह लगा दे कुछ पाठक पुस्तक के पृृष्ठ को मोड़ देते है। और पाठक पुस्तकों को फलकों पर जोर से खींचकर निकालते है जिससे वह सती ग्रस्त हो जाती है।

उपायः-

जो पाठक पुस्तकालय का सदस्य नहीं होता है। उसे पुस्तकालय में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए
पुस्तकालय में प्रवेश द्वार एक ही होना चाहिए पुस्तकालय कर्मचारियों को पाठकों का ध्यान रखना चाहिए
पुस्तकों की समय-समय पर मरम्मत व जिंद बंदी करनी चाहिए पुस्तकालय की संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति है।
इसका दुरूपयोग करना राष्ट्र का अहित करना है इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है
पुस्तकालय में पुस्तकों एवं अन्य पाठय सामग्री में रेड़ियों फ्रिकवेंसी आईड़ेंटिफिकेशन टैग लगा देना चाहिए जो पुस्तकालय में चोरी के उपकरण के रूप में उपयोग की जाती है। रेड़ियोेेे तरंगों के जरिए पहचान या टैªकिंग की जाती है पुस्तकालय की पाठक सामग्री को अवांछित तरीके से बाहर जाने से रोक सकता है

2. कर्मचारियों द्वारा क्षती:- पुस्तकालय में पुस्तकालय कर्मचारियों द्वारा भी पुस्तकों को क्षति पहुंचाई जाती है सती निम्न प्रकार पहुंचा ही जा सकती है जैसे पुस्तकें जब पुस्तकालय में आती है जब गं्रथ प्रक्रिया के लिए अनेक विभागों में पहंुचती है कुछ कर्मचारी आलसी होते है तो पुस्तकों में अनेक अवांछनीय स्थानों पर सील लगा देते है। पुस्तकों को गन्दे स्थान पर रख देते है पुस्तकों को जोर से पटक कर रखते है जिससे पुस्तकें जल्दी ही टूट जाती है अतः पुस्तकालय कर्मचारियों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए पुस्तकालय में पुस्तकों को ठीक तरीके से सावधानीपूर्वक रखना चाहिए पुस्तकों को आवांछनीय स्थान तथा पुस्तक के प्रश्न गन्दे नहीं करना चाहिए प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ वर्षा आग धूप आदि से पुस्तकों को बचाने का उपाय करना चाहिए

3. प्राकृतिक आपदाएं

प्राकृतिक आपदाएं अनेक प्रकार की हो सकती है बाढ़ आग बारिश धूल धूल अंधेरा नमी आदि यह सब पुस्तकों को हानि पहुंचाते है -

आग:-
पुस्तकालय में आग एक भयंकर आपदा मानी जाती है जो पुस्तकालय में आग माचिस लैंप सिगरेट व बिजली के तारों में आए अचानक खराबी के कारण लग सकती है
इस आपदा से बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए पुस्तकालय में अग्नि रोधक होना चाहिए पुस्तकालय का अग्नि बीमा करा देना चाहिए पुस्तकालय में बिजली के अच्छी क्वालिटी के तारों का उपयोग लेना चाहिए और समय-समय पर जाँच होनी चाहिए
पुस्तकालय में बालू की बाल्टी भरकर रखना चाहिए
पुस्तकालय के आसपास घास फूस लकड़ी के बने मकान तथा कारखाने आदि नहीं होना चाहिए

वर्षाः-
वर्षा के दिनों में वातावरण में आद्रता और नमी आती है। जिसके कारण पुस्तकें खराब हो जाती है। पुस्तकों में काले काले सूक्ष्मजीव लग जाते है जिससे पुस्तकों पर दीमक लगने का भय रहता है

उपाय:- पुस्तकालय भवन पक्का होना चाहिए वर्षा के दिनों में पुस्तकों की निरंतर जाँच होनी चाहिए दीमक लगी हुई पुस्तकों को अलग रख देना चाहिए बरसात के दिनों में पुस्तकालय भवन की मरम्मत करवा लेना चाहिए

4. हानिकारक जीव:-

चुहा:- पुस्तकालय में चूहा पुस्तकों को काट कर खराब कर देता है पुस्तकों के पेज खराब कर देता .       है

उपाय:-
पुस्तकालय में चूहों को पकड़ने के लिए चूहे दानी का इस्तेमाल करना चाहिए पुस्तकालय में चूहों का कोई बिल नहीं होना चाहिए अगर बिल हो तो उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए
पुस्तकालय में बेरियम कार्बोनेट पाउड़र आटा और ड्रिपिंग तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर उसमें थोड़ा नारियल का तेल मिला देना चाहिए और गोलियां बनाकर पुस्तकालय में रख देना चाहिए इसे खाने से चूहे मर जाते हैं
बेरियम कार्बोनेट और आटा पानी तीनों को मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लेना चाहिए जिसे खाने से चुए मर जाते हैं
दीमक:- पुस्तकालय में पुस्तकों को हानि पहंुचाती है यह हल्के पीले रंग की होती है मांदा दीमक प्रति दिन 1000 अंड़े देती है। दीमक नमी वाले स्थानों पर पाई जाती है, दीमक पुस्तकों के अलावा लकड़ी के सामान को भी नुकसान पहुंचाती है

सुरक्षात्मक उपाय:-

दीमक से बचाने के लिए लकड़ियों की अलमारियों को दीवार से दूर रखना चाहिए
दीमक को नष्ट करने के लिए कार्बन ड़ाईसल्फाइड़ अथवा सल्फर फ्यूम सफेद आर्सेनिल डीडीटी लिड़ेन हाइड्रिन मैथिलीन का प्रयोग करना चाहिए
तिलचट्टा:- यह गर्म और आन्ध्र स्थानों पर निवास करता है यह पुस्तक की ऊपरी जिल्द पर लगे कपड़ों को क्षति ग्रस्त कर देती है
सुरक्षात्मक उपाय:- कैल्शियम झिंगुर को भगाने के लिए कैल्शियम आरसी नेट का प्रयोग करना चाहिए तथा बोरिक पाउड़र भी इसके लिए लाभदायक सिद्ध होता है
रजत मीन ­­­ः-यह चांदी जैसा चमकीला होता है यह रात्रि के समय दिखाई देता है। यह अंधेरी तथा गन्दी जगह में मौजूद होते है। रात्रि के समय पुस्तकों को क्षति ग्रस्त करते है यह पुस्तक के पेज को हानि नहीं पहुंचाते बल्कि पुस्तकों के रंगीन आवरण में छोटे-छोटे छिद्र बना देते हैं और नष्ट कर देते हैं

सुरक्षात्मक उपाय:- पुस्तकों की झील का कलर काला नहीं होना चाहिए क्योंकि काला रंग कीड़ो को अपनी और आकर्षित करता है पुस्तकों की जिल्दसाजी में लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए लाल रंग से कीड़े दूर भागते हैं पुस्तकालय की अलमारियों में कपूर व फिनाइल की गोलियाँ रखनी चाहिए पुस्तकालय में मिट्टी का तेल डीडीटी को 20रू7 अनुपात में मिलाकर छिड़काव कर देना चाहिए

फफंूदी:- जब वातावरण में हवा में नमी या आद्रता उत्पन्न हो जाती है तो फफंूदी उत्पन्न हो जाती हैं पुस्तकों में फफंूदी लगने से कागज खराब हो जाते हैं और गल जाते हैं पुस्तक की लिखावट दीपक होने के कारण खराब होने लग जाती हैं जो पढ़ने में समस्या उत्पन्न होती है सुरक्षा उपाय पुस्तकालय में जिन पुस्तकों पर कंुड़ी लगी हुई हैं उन पुस्तकों को अलग हटा लेना चाहिए और धूप में रख देना चाहिए फफंूदी पर निम्नलिखित रासायनिक पदार्थ प्रभावशाली हैं मेपसमद फाॅर्म एल्ड़िहाइड़ बीटा नेप्थाॅल परा नाइट्रोफेनाॅल

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