सन्दर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष के कर्तव्य एवं कार्य | Duties and Functions of ReferenceLibrarian

अमेरिकन पुस्तकालय संघ (ALA) ने 1942 में पुस्तकालय के कार्यों का विवेचनात्मक अध्ययन किया था तथा सन्दर्भ सेवा के अनेक कार्य बताये हैं

1  निरीक्षणात्मक कार्य

2  सूचनात्मक कार्य

3  निर्देशात्मक कार्य

4  वाड्मय सूची से सम्बन्धित कार्य

5  मार्गदर्शनात्मक कार्य

6  मूल्यांकन संबंधी कार्य:-

सन्दर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष के कर्तव्य एवं कार्य  | Duties and Functions of ReferenceLibrarian
सन्दर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष के कर्तव्य एवं कार्य 

पुस्तकालयाध्यक्ष कार्य

1  सन्दर्भ ग्रंथों का इस प्रकार व्यवस्थापन करना कि पाठक उनका सही उपयोग आसानी से कर सकें।

2  आवश्यकता पड़ने पर पाठकों के लिये अन्र्तपुस्तकालय - आदान-प्रदान (प्दजमत-स्पइतंतल -स्वंद) प्रणाली के आधार पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना। इस कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिये यह आवश्यक है कि अन्य पुस्तकालयों में उपलब्ध पाठ्य सामग्री की जानकारी हो तथा उन पुस्तकालयों में मधुर सम्बन्ध हो।

3  पुस्तकालय में जिन विषयों में पाठ्य सामग्री का अभाव हो और पाठक उसकी मांग करते हों तो उस ओर अधिग्रहण विभाग का ध्यान आकर्षित करना।

4  सन्दर्भ पुस्तकालयाध्यक्ष को निरन्तर सूची पत्रक का उपयोग करना पड़ता है। अतः उसे सूची पत्रक की त्रुटियों, कमियों आदि की और सूचीकरण विभाग का ध्यान आकर्षित कर उन्हें दूर कराने व सूची पत्रक को अधिक उपयोगी बनाने में सुझाव प्रस्तुत करने चाहिए।

5  अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सन्दर्भ ग्रंथों के बारे में जानकारी देना तथा उन्हें सूचना खोजने की तकनीक से अवगत कराना।

अन्य सूचना केन्द्रों से सम्बन्ध बनाये रखना ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहाँ से सूचना मंगवाई जा सके।

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