राजस्थान के प्रमुख युद्ध
यहां पर राजस्थान के प्रमुख युद्ध, सन्, शासक व विजेता शासक की जानकारी दि गई है।
- तराईन का प्रथम युद्ध - 1191 में मोहम्मद गौरी व पृथ्वीराज चौहान के मध्य पृथ्वीराज चौहान विजय हुये।
- तराईन का द्वितीय युद्ध - 1192 में पृथ्वीराज चौहान व मोहम्मद गौरी के मध्य मोहम्मद गौरी विजय हुआ।
- रणथम्भौर का युद्ध - 1301 में हम्मीर चौहान और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य अलाउद्दीन खिलजी विजय हुआ।
- चित्तौड़ का युद्ध - 1303 में रतन सिंह और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य अलाउद्दीन खिलजी विजय हुआ।
- सिवाना का युद्ध - 1308 में शीतलदेव चौहान और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य अलाउद्दीन खिलजी विजय हुआ।
- जालौर का युद्ध - 1311 में कान्हड़देव और अलाउद्दीन खिलजी के मध्य अलाउद्दीन खिलजी विजय हुआ।
- सारंगपुर का युद्ध - 1436 में महाराणा कुम्भा व महम्मूद खिलजी के मध्य महाराणा कुम्भा विजय हुये।
- गागरोण का युद्ध - 1518 में राणा सांगा व महम्मूद खिलजी II के मध्य राणा सांगा विजय हुये।
- खातोली का युद्ध - 1518 में राणा सांगा व इब्राहिम लोदी के मध्य राणा सांगा विजय हुये।
- बाड़ी का युद्ध - 1519 में राणा सांगा व इब्राहिम लोदी के मध्य राणा सांगा विजय हुये।
- खानवा का युद्ध - 1527 में बाबर व राणा सांगा के मध्य बाबर विजय हुआ।
- पाहेबा का युद्ध - 1541 में राव जैतसी व मालदेव के मध्य मालदेव विजय हुआ।
- सामले (जैतारण) - 1544 में मालदेव व शेरशाह के मध्य शेरशाह विजय हुआ।
- हल्दीघाटी का युद्ध - 1576 में अकबर व महाराणा प्रताप के मध्य अकबर विजय हुआ।
- राजमहल का युद्ध - 1747 में ईश्वरी सिंह व माधोसिंह के मध्य ईश्वरी सिंह विजय हुआ।
- बगरू का युद्ध - 1748 में ईश्वरी सिंह व माधोसिंह के मध्य माधोसिंह विजय हुआ।
- भटवाड़ा का युद्ध - 1761 में शत्रुसाल व माधोसिंह के मध्य शत्रुसाल विजय हुआ।
- तुंगा का युद्ध - 1787 में प्रतापसिंह व विजयसिंह और मराठा नेता महादजी सिंधिया के मध्य प्रतापसिंह व विजयसिंह विजय हुये।
- आउवा का युद्ध - 1857 में कुशाल सिंह व अंग्रेजी सेना, जोधपुर सेना के मध्य कुशाल सिंह विजय हुआ।
राजस्थान की प्रमुख प्रषस्तियाँ
राजस्थान की प्रमुख प्रषस्तियाँ, महाराजा, रचियता व स्थान (जिला)
- विजयस्तम्भ प्रशस्ति - महाराणा कुम्भा - महेश भट्ट - चित्तौड़गढ़
- राज प्रशस्ति - महाराजा राज सिंह - रणछोड़ भट्ट तैलगं - राजसमन्द
- जगन्नाथराय प्रशस्ति - जगत सिंह - कृष्ण भट्ट
- जूनागढ़ प्रशस्ति - रायसिंह - जैता/जड़ता
मेवाड़ के पंचपीर
मेवाड़ के पंचपीर व उनका स्थान (जिला)
- श्रीनाथ जी - नाथद्वारा
- श्री द्वारका धीश जी - काकंरोली
- श्री चारभुजा जी - गढबोर
- श्री साँवरिया जी - मण्ड़फिया
- श्री एकलिंगनाथ जी - कैलाश पुरी
राजस्थान प्रथाएँ व राके लगाने वाली रियासतें
राजस्थान प्रथाएँ व राके लगाने वाली रियासतें, वर्ष व प्रथाओं का विवरण
- सती प्रथा - बूंदी द्वारा 1822 में राजाराम मोहन राय के प्रयासो से लाॅर्ड विलियम बैंटिक ने सरकारी आदेश से रोक लगाई।
- दास प्रथा - कोटा, बूंदी द्वारा 1832 में लाॅर्ड विलियम बैंटिक ने रोक लगाई।
- कन्या वध - कोटा द्वारा 1833 में लाॅर्ड विलियम बैंटिक व हाडौती के पाॅलिटिकल ऐजेन्ट ने रोक लगाई।
- त्याग प्रथा - जोधपुर द्वारा 1841 में महाराजा मानसिंह ने वाल्टर कृत राजपुत हितकारिणी सभा द्वारा रोक लगाई।
- समाधि प्रथा - जयपुर द्वारा 1844 में पाॅलिटिकल ऐजेटं लुडलो के प्रयास से रोक लगाई।
- मानव व्यापार प्रथा - जयपुर द्वारा 1847 में पाॅलिटिकल ऐजेटं लुडलो के प्रयास से रोक लगाई।
- डाकन प्रथा - मेवाड़ द्वारा 1853 में मेवाड़ भील कोर के कमाण्डेट जे.सी.बु्रक ने महाराणा स्वरूपसिंह के समय इस प्रथा को गैर कानुनी घोषित किया।
- बाल विवाह - जोधपुर द्वारा 1885 में अजमेर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं इतिहासकार हरविलास शारदा के प्रयासों से 1929 में ‘‘शारदा एक्ट’’ पारित किया। जोधपुर रियासत के प्रधानमंत्री सर प्रताप सिंह के प्रयासो से।
राजस्थान के हवाई अड्डे
राजस्थान के हवाई अड्डे उनका जिला व विशेष विवरण
- सांगानेर - सांगानेर, जयपुर - राज्य का पहला व देश का 14वां हवाईअड्डा है। यह विमान विकास प्राधिकरण के अधीन है।
- महाराणा प्रताप - डबोक, उदयपुर - विमान विकास प्राधिकरण के अधीन
- रातानाड़ा - जोधपुर - भारतीय वायुसेना के अधीन
- जैसलमेर - जैसलमेर - भारतीय वायुसेना के अधीन
- सूरतगढ़ - सूरतगढ़, श्रीगंगानगर - भारतीय वायुसेना के अधीन
- उत्तरलाई वायुसेना - बाडमेर - भारतीय वायुसेना के अधीन
- नाल - बीकानेर - भारतीय वायुसेना के अधीन
- कोटा - कोटा - विमान विकास प्राधिकरण के अधीन
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