राजस्थान मे पुस्तकालय का विकास in Hindi

राजस्थान मे पुस्तकालय का विकास

  • मध्य युग मे अकबर के सेनापति मानसिंह ने पोथीखाने की स्थापना की।
  • 1652 मे जयपुर शहर का पहला पुस्तकालय आमेर मे महाराजा मानसिंह द्वारा स्थापित किया। इस ग्रंथालय मे सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1704 मे 76 ग्रंथ तथा 1711 मे 420 ग्रंथो मे वृद्धि की।
  • सवाई जयसिंह द्वितीय ने इस पुस्तकालय को आमेर से नई राजधानी जलेब चोक (जयपुर) मे स्थापित करवाया। 
  • 1866 मे महाराजा रामसिंह द्वितीय ने इसे सार्वजनिक उपयोग हेतु महाराजा सार्वजनिक पुस्तकालय के नाम से स्थापित करवाया।
  • 1886 मे महाराजा माधोसिंह ने स्थापना कर पूर्णतया सार्वजनिक रूप प्रदान कर दिया। इसके पुस्तकालय अध्यक्ष अलेक्जेन्डर थे।
  • 1943 मे सर मिर्जा स्माइल जयपुर राज्य के प्रधानमंत्री बने। उन्होने 1944 के राजरत्न प्रताप राय मेहता के सहयोग से पुस्तकालय विकास योजना के तहत जयपुर के प्रत्येक चैकडी मे 12 वाचनालय पुस्तकालय स्थापित किये। 
  • 153 ग्रामीण पुस्तकालय स्थापित किये। 
  • यह वाचनालय वर्तमान मे राधाकृष्णन केन्द्रीय पुस्तकालय के अधीन संचालित है।

(1) महाराजा पब्लिक लाइबे्ररी - इस लाइब्रेरी मे लगभग 30000 संदर्भ ग्रंथ, 108 दुर्लभ ग्रंथ एवं 339 हस्त लिखित ग्रंथ उपलब्ध है। अबुल फजल द्वारा अनुवादित महाभारत भी उपलब्ध है। इस पुस्तकालय मे 1860 से लेकर भारत तथा अन्य देशो के दैनिक व साप्ताहिक पत्रो को भी संग्रहित किया गया है। वर्तमान मे इसमे 1 लाख 25 हजार से अधिक पुस्तको का संग्रह है। वर्गीकरण हेतु DDC के 19वें  संस्करण का प्रयोग किया है। इसका कार्य समय अप्रेल से मार्च प्रातः 11 से शाम 7 बजे तक है व मंगलवार को अवकाश होता है।

(2) भाषा एवं पुस्तकालय विभाग राजस्थान - प्रशासनिक क्षैत्र मे हिन्दी प्रयोग को अनिवार्य करने की दृष्टि से प्रदेश  मे 1956 मे राजभाषा अधिनियम पारित किया गया। 1965 मे भाषा निर्देशालय की स्थापना की गई। इस अधीन पुस्तकालय ई-ग्रंथालय 4.0 सोफ्टवेयर का प्रयोग। राज्य सरकार द्वारा 31 जनवरी 2001 के राज्यादेश जारी करके सार्वजनिक पुस्तकालय के विकास को गति देने के उदे्ष्य से सार्वजनिक पुस्तकालय को भाषा विभाग से जोडकर इसका नाम भाषा एवं पुस्तकालय विभाग कर दिया गया।

(3) सार्वजनिक पुस्तकालय -                                                                            .   

      (1) राज्य मे राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय - 1  

      (2) मण्डल पुस्तकालय - 7 

      (3) जिला पुस्तकालय - 33

      (4) तहसील पुस्तकालय - 6

      (5) पंचायत समिति पुस्तकालय - 276

      (6) पंचायत समिती स्तर तक- 323

(4) केन्द्रीय पुस्तकालय - डाॅ. राधाकृष्णन राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय जयपुर - 15 अगस्त 1956, 1990 मे इसे महाराजा सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय चैडा रास्ता से वर्तमान भवन सोम्य मार्ग, जवाहर लाल नेहरू, गांधी नगर मे स्थानान्तरित किया गया। पुस्तकालय का वर्गीकरण -DDC के 19 वें संस्करण तथा सूचीकरण CCC के अनुसार किया जाता है। पुस्तकालय के विषाल वाचनालय कक्ष मे हिन्दी, अंग्रेजी भाषा मे दैनिक साप्ताहिक, द्वि-मासिक, त्रै-मासिक व अर्द्धवार्षिक व वार्षिक आदि आवर्ति की 88 प्रमुख पत्रिका तथा हिन्दी व अंग्रेजी भाषा के 27 प्रमुख राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रो के अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाती है। पुस्तकालय मे बाल कक्ष है। जिसमे लगभग हिन्दी व अग्रेजी भाषा मे 16000 पुस्तके उपलब्ध है। पुस्तकालय को पूरा कम्प्यूटराईज्ड किया हुआ है। रविवार का साप्ताहिक अवकाश होता है तथा राजकीय अवकाश के दिवसो मे भी पुस्तकालय सेवा प्रदान की जाती है।

  • 1652 मे आमेर मे स्थापित कर दिया गया। 
  • 2017 से मण्डल पुस्तकालय का नाम पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय पुस्तकालय कर दिया गया। 

1. राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय अजमेर:-

  • इसकी स्थापना 15 सितंबर 1997 मे की गई।
  • यह रेलवे स्टेशन से रोडवेज बस स्टेण्ड के मध्य वीर कुमार मार्ग पर स्थित है।
  • इस पुस्तकालय मे पुस्तको का वर्गीकरण DDC के 19 वें संस्करण तथा सूचीकरण CCC के अनुसार किया जाता है। 
  • बालको के लिए बाल पुस्तकालय भवन है।
  • वाचनालय मे 150 पत्र-पत्रिकाएं पाठको के लिए उपलब्ध है।
  • पुस्तकालय मे 17113 पुस्तको का संग्रह है विशेष रूप से दर्शन, धर्म, समाज विज्ञान व तकनीकी इतिहास आदि का साहित्य उपलब्ध है। 

2. राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय जोधपूर:-

  • स्थापना - 17 मार्च 1936 को महाराजा सुमेर सिंह द्वारा सुरसागर मे की गई। तत्पष्चात इसे राजकीय मुद्रणालय भवन मे स्थानान्तरित किया। 
  • वर्तमान भवन बस स्टेण्ड के पास उम्मेद उद्यान मे संचालित है। 
  • 78698 पुस्तको का संग्रह है एवं लगभग 100 पत्र-पत्रिकाएं मंगवायी जाती है।
  • यहाॅ अनेक प्राचीन एवं दुर्लभ ग्रंथ है। जिसमे बीकानेर का इतिहास, नैवासी मुथा ख्याल, कृष्णा गढ की तवारीख, गजट तथा प्राचीन पत्रिकाओ मे विष्वमित्र, विज्ञान, चांद क्रम योगी, विषाल भारत, जहाॅगीर नामा, पृथ्वीराज रासो, स्त्रोत सुत्रम, The Indian Review, The contemprary review, The Modern Review आदि।
  • पुस्तकालय मे दो बाल ग्रंथालय व दो वाचनालय है। जिसमे प्रतिदिन लगभग 312 पाठको द्वारा इनका उपयोग किया जाता है। 
  • पुस्तकालय वयस्क से 21रू तथा 6 से 15 वर्ष के बालक से 5रू शुल्क देकर वार्षिक सदस्य बन सकते है।
  • सदस्यता 1 अप्रेल से 21 मार्च तक होती है।
  • पुस्त्कालय मे पुस्तको का वर्गीकरण DDC के 19 वें संस्करण तथा सूचीकरण CCC के अनुसार किया जाता है।
  • मंगलवार का साप्ताहिक अवकाश रहता है तथा अप्रेल से मार्च 11 से 7 बजे तक खुलेगा।

3. राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय बीकानेर:-

  • स्थापना 1937 मे हुई।
  • इस पुस्तकालय का नाम किंग एडवर्ड जार्ज पंचम की स्मृति मे रखा गया था।
  • कुछ देशी रियासतो के विलियकरण के पश्चात् इस पुस्तकालय का नाम राजकीय क्षैत्रीय पुस्तकालय रखा गया। 
  • कुछ समय बाद इसे राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कर दिया।
  • बीकानेर राज्य के तत्कालीन महाराजा श्री गंगा सिंह बहादूर ने अपने निजि पुस्तकालय मे संग्रहित बहुमुल्य एवं दुर्लभ ग्रंथ इस पुस्तकालय को समर्पित कर दिये।
  • 4 सितम्बर 1954 मे वर्तमान भवन मे स्थानान्तरित किया गया।
  • इसमे भारतीय चित्रकला के अनुठे संग्रह है। पुस्तकालय मे बीकानेर राज्य के राजपत्र, राजस्थान राज्य के राजपत्र, भारत के राजपत्र भी उपलब्ध है।
  • पुस्तकालय मे संदर्भ ग्रंथ भी है। जिसमे संदर्भ भवन है। 
  • 14 नवम्बर 2007 को RRRLF प्रतिष्ठान कोलकात्ता के सहयोग से इस पुस्तकालय मे चिल्ड्रन कोर्नर की स्थापना की गई।

4. राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय उदयपुर:-

  • इसका पूर्व मे नाम विक्टोरिया हाॅल था।
  • यह ग्रंथालय जिलो की नगरी उदयपूर के गुलाब बाग मे स्थित है। महाराणा फतेह सिंह जी ने इस ग्रंथालय की स्थापना 1887 मे की।
  • इस पुस्तकालय को सार्वजनिक पुस्तकालय 12 मार्च 1951 को घोषित किया गया।
  • इस पुस्तकालय मे 66500 पुस्तको का संग्रह है तथा 3000 दुर्लभ पुस्तक व पत्रिकाएं है जो 1947 से पूर्व की है।

5. राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा:-

  • स्थापना 1910 में हुई। 
  • इसकी स्थापना पायोनियर सार्वजनिक पुस्तकालय के नाम से हुई। 
  • इस पुस्तकालय को राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय का दर्जा 15 अगस्त 1956 मे मिला।
  • सर्वप्रथम इसका संचालन बहादूर बाजार मे स्थित सेठ दानमल की हवेली (बपना हवेली) से हुआ। 
  • 1968 मे दानमल की हवेली से छत्रविलास बाग मे स्थानान्तरित कर दिया गया। 
  • 1984 मे ग्रंथालय को नगर विकास न्यास मे स्थानान्तरित किया। 
  • वर्तमान मे यह स्वंय के भवन इनकम टेक्स काॅलोनी के सामने CAD काॅलोनी दादाबाडी मे संचालित है।
  • बालकक्ष मे बच्चो को निःशुल्क सदस्य बनाया जाता है। 
  • पुस्तकालय का वर्गीकरण DDC के 19 वें संस्करण तथा सूचीकरण CCC के अनुसार किया जाता है।
  • वर्तमान मे पुस्तकालय के 550 आजीवन सदस्य है एवं वार्षिक सदस्य 500 है।
  • वर्तमान मे पुस्तकालय मे 66400 पुस्तके तथा 1542 दुलर्भ ग्रंथ है।

6. राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय भरतपुर:-

  • इसकी स्थापना 2008 मे भरतपुर संभाग होने के कारण खोला गया। 
  • 45318 पुस्तक उपलब्ध है यह पुस्तकालय अटल बंद रोड सेटेलाइट हाॅस्पिटल के सामने स्थित है।

राजस्थान के कुछ प्रमुख पुस्तकालय -

1. राजस्थान विष्वविद्यालय पुस्तकालय:-

  • 8 जनवरी 1957 को स्थापना जयपुर मे हुई।
  • जब इसकी शुरूआत हुई इसमे मात्र 1500 पुस्तके व पुस्तकालय का बजट 20000 था। 
  • सर्वप्रथम यह राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रथम वाइस चांसलर श्री जी.ए.महाजनी के ऑफिस के बगल मे केसरगढ मे था बाद मे यह बाहरी सीदरी मे स्थानान्तरित कर दिया गया।
  • इसके महत्वपूर्ण प्रलेखो मे अबु संग्रह महत्वपूर्ण है।

2. एस.एम.एस. मेडिकल लाइब्रेरी - 

  • 1945 को स्थापना हुई।
  • यह राॅबर्ट हिलिंग के नाम से भी जाना जाता था। 
  • 14 सितम्बर 1976 को राॅबर्ट हिलिंग के नाम से समर्पित था। 
  • 4 जुलाई 2001 को नये भवन मे स्थानान्तरित ।
  • 15 अगस्त 2001 को इसे पूर्ण रूप से स्थानान्तरित किया।

3. श्री सन्मति पुस्तकालय जयपुर -

  • इसकी स्थापना 1920 मे सिटी काॅलोनी जयपुर मे हुई। 
  • यह पुस्तकालय प्रतिवर्ष 25 अप्रेल को मास्टर मोती लाल संघी पुस्तकालय अध्यक्ष अवार्ड प्रदान करती है।

4. शुभम रीडर्स पेरेडाइज जयपुर -

  • स्थापना 1944 मे जनपद रोड श्याम नगर मे स्थित है।

5. प्राकृत भारतीय अकादमी -

  • यह झालाना डूंगरी (जयपूर) मे स्थित है। 
  • इसकी स्थापना 21 फरवरी 1977 मे हुई।
  • इसमे लगभग 75000 पुस्तके 40 पत्र-पत्रिकाएं 28 न्यूज पेपर आते है।

6. भुमिगत पुस्तकालय -

  • भादरियां गाॅव जैसलमेर मे स्थित है। 
  • इसकी स्थापना संत हरिवंष निर्मल मे 1984 मे इस भूमिगत लाइब्रेरी का निर्माण करवाया। 
  • इस पुस्तकालय मे 4000 लोग एक साथ बैठकर पढ सकते है। 
  • इस भुमिगत पुस्तकालय मे ढूढंने पर भी धुल का एक भी कण नही मिलेगा। 
  • यह सबसे खुबसुरत लाइब्रेरी है इसके रखरखाव मे 6-7 लाख का खर्च आता है।

7. बरेली पुस्तकालय -

  • यह गणगोरी बाजार जयपुर मे स्थित है ।
  • इसकी स्थापना 1998 मे राजस्थान के कल्याण सिंह ने की थी बाद मे इसे Lions क्लब से सहायता प्राप्त हुई। 
  • यह पुस्तकालय एक बे्रली न्यूज पेपर भी प्रकाषित कर रहा है।

8. सर छोेटु राम स्मारक संग्रहालय -

  • स्थापना 1938 मे केषवानन्द ने संगरीय हनुमानगढ मे स्थित है।

9. सबसे पुराना पाण्डुलिपि पुस्तकालय - 

  • स्थापना 1981 मे बदोरिया महाराज जैसलमेर ने।

10. केन्द्रीय संग्रहालय -

  • अलबर्ट हाॅल म्यूजियम जयपुर 1876 मे महाराजा रामसिंह चाहते थे इसे एक टाउन हाॅल बनाया जाये। 
  • माधोसिंह द्वितीय ने यह निर्णय लिया की इसे एक कला का संग्रहालय रखा जाये ।
  • इसका डिजाइन सैम्यूल स्विटन जैक्ब ने किया। 
  • यह पब्लिक संग्रहालय के रूप मे 1887 मे खुला।

11. राजकीय पुरातत्व एवं सग्रंहालय विभाग - स्थापना 1950 जयपुर

12. प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान - जोधपुर (1955) मुनि जीन विजय के मार्गदर्षन मे।

13. राजस्थान राज्य अभिलेखासागर - बीकानेर (1955)

14. अरबी फारसी षोध संस्थान - टोंक ( 4 दिसम्बर 1978 )

15. नगर श्री लोक संस्कृति शोध संस्थान - चुरू स्थापना 1964 मे रामनवमी के दिन

16. ओेसो लाइब्रेरी जयपुर - तिलक नगर (2000)

17. श्री चुन्नी लाल शर्मा - गवर्मेंट पब्लिक जिला पुस्तकालय सेन्ट्रल बस स्टेण्ड भरतपुर स्थापना  महाराजा किषन सिंह ने कि। वर्तमान भवन 2009 मे बना। 

18. जिंक किड्स लाइब्रेरी - जयपुर (वैशाली नगर)

19. प्राकृत लाइब्रेरी आकदमी - मालवीय नगर जयपुर (1977)

20. सार्वजनिक पंचायत समिति पुस्तकालय - भोपालसागर चित्तौडगढ , वर्तमान भवन 2008 मे  RRRLF  की सहायता से बनाया।

21. गर्वमंेट पब्लिक जिला पुस्तकालय - स्टेषन रोड चुरू, स्थापना 1956 मे वर्तमान भवन सागरमल परिवार ने बनाया

22. राजकीय पुस्तकालय बून्दी - 1956

23. जिला पब्लिक पुस्तकालय सिरोही - 1948

24. राजकीय हरिशचन्द सार्वजनिक पुस्तकालय -झालावाड

25. खुशबु लाइब्रेरी - जयपुर

26. कुंजरू लाइब्रेरी - उदयपुर (7 अक्टूबर 1973), स्थापना मोहन सिंह मेहता द्वारा। इसका नाम पण्डित ह्रदय नाथ के नाम पर रखा गया। 

27. ज्ञान भण्डार लाइब्र्रेरी जैसलमेर - स्थापना आचार्य जिन भद्र सुरी नेे 1500 ई. मे।

28. राजकीय पुरातत्व संग्रहालय - आमझरा गांव डुंगरपूर

29. जयपुर वेक्स म्यूजियम - जयपुर

30. पैलेस म्यूजियम संग्रहालय - अलवर

31. शिल्पग्राम पुस्तकालय - उदयपुर

32. हवामहल राजकीय संग्रहालय जयपुर - 1983 ( सिक्के व प्रतिमाएं )

33. ग्रामीण स्वाभीमान पुस्तकालय - झुंझुनु

34. राजकीय टेक्नीकल लाइब्रेरी - जयपुर 2010

35. मीरा संग्रहालय - मेडता नागौर

36. भरतपुर महल संग्रहालय - महल परिसर के कमरा खास मे एक संग्रहालय है। जहाॅ भरतपुर की कला संस्कृति मूर्तियां व शिल्प प्रदर्शित किये गये है।

37. हेण्ड प्रिटिंग का संग्रहालय - अनोखी जयपुर

38. राजकीय संग्रहालय पाली - स्थापना 1982

39. रूपायन संस्थान गोरूथा जोधपुर - स्थापना 1960 कोमल कोठारी द्वारा 

40. राजपुताना अजमेर - 19 अक्टूबर 1908 इसमे ऐतिहासिक स्थापत्य कला एवं मूर्ति कला के नमूने               

41. सरदार म्यूजियम जोधपूर - 1909

42. आहड संग्रहालय उदयपुर - 4000 ई.पू. सभ्यता के अवशेष 

43. नाहटा संग्रहालय चुरू - सरदार शहर

44. मेहरानगढ संग्रहालय जोधपूर

45. जनजाति संग्रहालय उदयपुर - 30 सितम्बर 1983 माणिक्य लाल वर्मा जनजाति शोध संस्थान द्वारा बनाया।

46. कालीबंगा संग्रहालय - हनुमानगढ 1985 मे इसमे मिट्टी की चुडिया तथा पशु-पक्षियो की आकृति 

47. सार्दुल म्यूजियम बीकानेर - लालगढ मे स्थित 

48. करणी म्यूजियम - बीकानेर

49. अलवर संग्रहालय - 1940

50. श्री रामचरण प्राच्य विद्या पीठ संग्रहालय - जयपुर (1960)

51. राजकीय संग्रहालय - डूगंरपूर अवशेष (प्रतिमा)

52. राजकीय संग्रहालय मण्डोर - जोधपूर (प्रतिमा)

53. राजकीय मानसिंह संग्रहालय - जयपुर  इसमे भारतीय व ईरानी कालीन अस्त्र-शस्त्र, पोशाके, चित्र व लघु चित्र मिले है।

54. राजकीय संग्रहालय दल्लाराम बाग - आमेर जयपुर (मरण मूर्ति एवं प्राचीन प्रतिमा)

55. बांगर हवेली संग्रहालय - उदयपुर मांजी सा का कमरा, संगीत कक्ष व शिक्षा कक्ष तथा गणगौर कक्ष

56. लोक कला मण्डल संग्रहालय - उदयपुर कठपुतली एवं लोक कला सामग्री

57. बीकानेर संग्रहालय - सिन्धु घाटी सभ्यता से गुप्तकाल कर वस्तुएं

58. चित्तौड संग्रहालय - फतेह सिंह


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