- लाइब्रेरी साइंस के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी
- शिमला स्कूलों में अब जूनियर असिस्टेंट लाइब्रेरियन की भर्ती होगी
- 1500 से ज्यादा पदों के लिए निकलेगी वैकेंसी
शिमला सरकार ने असिस्टैंट लाइबेस्थिन किया डाइंग कैडर, बदला डैजिग्नेशन :- प्रदेश सरकार ने असिस्टेंट लाइबेरियन का डाइंग कैडर कर इसका डैजिग्नेशन बदल दिया है । इसके तहत अब स्कूलों में असिस्टैंट लाइब्रेरियन की जगह जूनियर असिस्टैंट लाइब्रेरियन की भर्ती की जाएगी। सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग ने जूनियर असिस्टट लाइबेरियन के लिए नए नियम भी बना दिए हैं। इन नियमों में विभाग ने जूनियर असिस्टैंट लाइब्रेरियन को ग्रेड - पे असिस्टैंट लाइबेरियन से कम निर्धारित की है। इस दौरान विभाग ने जूनियर असिस्टैंट लाइब्रेरियन की ग्रेड - पे 1900 रुपए निर्धारित की है ,
जबकि असिस्टैट लाइबेरियन को 3600 ग्रेड - पे दी जा रही थी । इसके साथ ही विभाग ने जूनियर असिस्टैंट लाइब्रेरियन की शैक्षणिक योग्यता को भी असिस्टैंट लाइब्रेरियन की योग्यता के मुकाबले कम किया है । इसके लिए विभाग ने 12 वीं के साथ लाइब्रेरी का Certificate डिप्लोमा की शर्त रखी है , जबकि असिस्टैंट लाइब्रेरियन के लिए ग्रेजुएट के साथ बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस की शर्त रखी गई थी। इसके अलावा विभाग ने इन नियमों में कोई प्रमोशन चैनल भी तय नहीं किया है । ऐसे में बेरोजगार लाइब्रेरियन इन नियमों का विरोध कर रहें हैं। इसको लेकर प्रदेश बेरोजगार लाइब्रेरियन संघ प्रधान शिक्षा सचिव और शिक्षा मंत्री से भी मिला और उनसे इन नियमों में बदलाव की मांग की। संघ केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर लाइब्रेरियन के आर.एंड पी . रूल्ज बनाने की मांग कर रहें हैं ।
प्रदेश के स्कूलों में 2009 के बाद से भर्ती नहीं हुई है । ऐसे में स्कूलों में असिस्टेंट लाइबेरियन के 1500 असिस्टैंट लाइबेरियन की से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं । डाइंग कैडर होने के चलते मौजूदा समय में केवल 300 स्कूलों में असिस्टैंट लाइब्रेरियन कार्य कर रहें हैं . बाकी सभी स्कूलों में ये पद खाली हैं । सूत्रों की मानें तो सरकार ने बीते कई वर्षों से अपग्रेड व नए स्कूलों में असिस्टैंट लाइबेरियन के पद सृजित नहीं किए । पिछले 10 सालों से स्कूलों में असिस्टैंट लाइबेरियन पद न भरने के कारण इस समय प्रदेश में लगभग 10.000 बेरोजगार लाइबेरियन है , जो नौकरी के इंतजार में हैं ।
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