1. सार्वजनिक पुस्तकालय
राष्ट्रीय पुस्तकालय, राज्य केन्द्रीय अथवा सम्भागीय पुस्तकालय, जिला केन्द्रीय पुस्तकालय, प्रखण्डीय पुस्तकालय, पंचायत पुस्तकालय, ग्रामीण पुस्तकालय, नगर पुस्तकालय
2. शैक्षणिक पुस्तकालय
विद्यालय पुस्तकालय, महाविद्यालय पुस्तकालय, विश्वविद्यालय पुस्तकालय
3. विशेष पुस्तकालय
शोध पुस्तकालय, विभागीय पुस्तकालय, व्यावसायिक पुस्तकालय, औद्योगिक पुस्तकालय, अस्पताल पुस्तकालय, नेत्रहीनों के लिए पुस्तकालय, जेल पुस्तकालय, श्रव्य-दृश्य पुस्तकालय, समाचार पत्र पुस्तकालय, बाल पुस्तकालय
राष्ट्रीय पुस्तकालय
कलकत्ता पब्लिक लाइबे्ररी की स्थापना श्री जे.एच.स्ट्राकलर ने 1835 मे राष्ट्रीय ग्रंथालय की स्थापना का प्रावधान भारतीय संविधान की धारा 62 के अन्त्र्गत व संघीय सुची के परिष्टि 7 मे किया गया। राष्ट्रीय पुस्तकालय का विकास तीन चरणो मे हुआ
प्रथम चरण (1835-1903):-
स्थापना कलकत्ता लाइब्रेरी के नाम से 1835 मे हुई।
21 मार्च 1836 को जनता के लिये खोला गया।
इसमे 68 हजार पुस्तको को एकत्रित किया गया।
1841 मे यह पुस्तकालय फोर्ट विलियम काॅलेज मे था।
1844 मे इसे इसका स्थानान्तरण मेटकाॅफ भवन मे कर दिया गया।
1857 ई. मे स्वतंत्रता संग्राम के प्रारम्भ हो जाने के कारण कोलकत्ता के यूरोपीय समुदाय ने इस पुस्तकालय को समर्थन देना बंद कर दिया है।
1859 मे कोलकात्ता नगरपालिका ने पुस्तकालय का प्रबंधन अपने हाथ लिया।
1898 तक इस पुस्तकालय के क्रियाकलाप एवं गतिविधियां बिल्कुल समाप्त हो गयी है।
1891 मे लार्ड कर्जन ने विभिन्न सचिवालयो को मिलाकर इम्पीरीयल लाइबे्ररी की स्थापना की।
1902 मे कलकत्ता पब्लिक लाइबे्ररी को इम्पीरीयल लाइबे्ररी मे मिला दिया गया।
द्वितीय चरण (1903-1947):-
भारत के तत्कालीन वायसराय और गर्वनर जनरल लार्ड कर्जन 1899 मे इस पुस्तकालय मे आये इस पुस्तकालय की दयनीय स्थिती को देखकर षीघ्र ही इसके उत्थान के लिए कदम उठाये।
30 जनवरी 1903 को इम्पीरीयल लाइबे्ररी आॅफ इण्डिया को मेटकाॅफ भवन मे इण्डिया के लिए खोल दिया गया।
इसके प्रथम पुस्तकालय अध्यक्ष ब्रिटिष म्यूजियम के जाॅन मेट फर्लेन को बनाया गया। इन्होने सर्वप्रथम पुस्तकालय पत्रक सूची बनाने का कार्य प्रारम्भ किया।
1926 मे भारत सरकार मे J.H.RICHI की अध्यक्षता मे ग्रंथालय के प्रषासकीय व्यवस्था के मापदण्ड स्थापित करने के लिए समिति का गठन किया गया।
इस पुस्तकालय मे प्रथम पुस्तकालय अध्यक्ष 1907 मे हरिनाथ डे बने।
1911 मे श्री चेपमेन ने इस पुस्तकालय का कार्यभार ग्रहण किया। के. एस. असादुल्ला इसके पुस्तकालय अध्यक्ष बने इनके द्वारा 1935 मे 6 माह का ग्रंथालय प्रषिक्षण प्रारंभ किया जो 1945 तक चलता रहा।
तृतीय चरण (1948):-
देष की स्वतंत्रता के प्रारम्भिक दिनो मे नवगठित भारत राष्ट्र के निर्माताओ ने इम्पीरीयल लाइब्रेरी को देष के नये राष्ट्रीय पुस्तकालय मे 8 सितम्बर 1948 मे परिवर्तित कर दिया।
स्वतंत्र भारत मे राष्ट्रीय पुस्तकालय के प्रथम अध्यक्ष बी.एस.केषवन बने।
1951 मे भारत के तत्कालीन गर्वनर जनरल श्री सी.राज गोपालाचारी ने कोलकात्ता स्थित बेलवेडियर भवन को राष्ट्रीय पुस्तकालय के लिए उपलब्ध कराया।
1 फरवरी 1953 के दिन भारत संघ के तत्कालीन षिक्षा मंत्रंी मौलाना अबुल कलाम आजाद ने राष्ट्रीय पुस्तकालय को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।
1 फरवरी 1953 को रजत जयंती मनायी गयी।
डिलीवरी आॅफ बुक्स एक्ट के अनुसार प्रत्येक प्रकाषक को देष मे प्रकाषित होने वाली (जम्मू कष्मीर को छोडकर) प्रत्येक प्रकाषन की एक प्रति इस पुस्तकालय को भेजनी होती है।
इससे भारतीय राष्ट्रीय बिब्लियोग्राफी (गं्रथ सूूची) का प्रकाषन प्रारम्भ हो गया।
राष्ट्रीय पुस्तकालय न्यास National
Book Trust & 1957 यह भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वतंत्र संस्था है। यह 22 भाषाओ मे पुस्तके प्रकाषित करता है। राष्ट्रीय पुस्तकालय न्यास हर दूसरे वर्ष नयी दिल्ली मे विष्व पुस्तक मेले का आयोजन करता है जो एषिया व अफ्रीका का सबसे बडा पुस्तक मेला है।
राष्ट्रीय पुस्तकालय न्यास हर वर्ष 14-20 नवम्बर तक राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह मनाता है।
2012 के बाद से राष्ट्रीय पुस्तकालय का कोई अध्यक्ष नही है पद रिक्त है। 2006-2012 तक इस पुस्तकालय के अध्यक्ष H.P.Jadum jgsaA
राष्ट्रीय पुस्तकालय का उद्घाटन मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 1 फरवरी 1953 मे किया।
राष्ट्रीय पुस्तकालय के डायरेक्टर जनरल का नाम अरूण कुमार चक्रवती है व डायरेक्टर स्वप्न चक्रवर्ती है जो 2010 से अब तक है।
सार्वजनिक पुस्तकालय एक्ट (1954-1956) - अनुसुची के अनुसार प्राप्त पुस्तको के आधार पर इण्डियन नेषनल बिब्लियोग्राफी बनायी जाती है। यह राष्ट्रीय पुस्तकालय द्वारा तैयार की जाती है।
1954 एक्ट के अन्तर्गत भारत मे छपने वाली सभी पुस्तको एवं अखबार की एक-एक प्रति अपने खर्चे पर राष्ट्रीय पुस्तकालय कलकत्ता को भेजनी होती है। जम्मू कष्मीर को छोडकर 30 दिन के अन्दर यह प्रति भेजनी होती है। इसके अलावा एक-एक काॅपी भारत के तीन और सार्वजनिक पुस्तकालयो को भेजनी हेाती है।
(1) केन्द्रीय पुस्तकालय टाउन हाॅल मुम्बई
(2) दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय दिल्ली
(3) कोनमेरा चेन्नई
भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय 4 भवनो मे स्थित है - 3 तो बेलवेडियर व 1 एस्प्लेनेट
राष्ट्रीय पुस्तकालय के संग्रह को सम्रद्ध बनाने के लिए सर आषुतोष मुखर्जी ने 76 हजार पुस्तको का संग्रह दान किया। कुछ संग्रह निम्न है -
1. आषुतोष मुखर्जी संग्रह - यह सबसे उत्कृष्ठ संग्रह है।
2. रामदास सेन संग्रह
3. बरिध वरण संग्रह
4. जदूनाथ सरकार संग्रह
5. डाॅ. एस.एम.सेन संग्रह
6. सर तेज बहादूर संग्रह
भारत के राष्ट्रीय पुस्तकालयो मे सूचीकरण एंग्लो अमेरिकन केटालाॅगिंग रूल्स तथा रूल्स फाॅर डिसक्रिप्टिव केटालाॅगिंग फाॅर द लाइब्र्रेरी आॅफ काॅग्रंेस के आधार पर किया जाता है।
विषेष षीर्षको मे एकरूपता बनाये रखने के लिए Subject heading used in the sictionary catalogue & LOC का उपयोग किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पुस्तकालयो मे पुस्तको का वर्गीकरण DDC के 16वें से 19वें संस्करण के अनुसार किया जाता है।
पुस्तक पर बुक नम्बर लेखक के नाम के 3 अक्षर वाली टेबल के द्वारा लगाया जाता है।
अवकाष - 15 अगस्त , 26 जनवरी , 2 अक्टुबर
सार्वजनिक पुस्तकालय
सार्वजनिक पुस्तकालय का अर्थ है जनता द्वारा जनता के हित मे पुस्तकालय। सार्वजनिक पुस्तकालय एक सामाजिक संस्था है। इसके द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग, धर्मसम्प्रदाय, लिंग व आयु आदि के व्यक्तित्व बिना किसी भेदभाव के पाठ्य सामग्री के उपयोग की सुविधा प्रदान की जाती है।
1. प्रत्येक व्यक्ति को अच्छा राष्ट्रीय एवं विष्व नागरिक बनाने में सहायता प्रदान करता है
2. बालक बालिकाओं में पठन क्षमता तथा पठन रूचि का निर्माण एवं विकास करता है
3. बाल तथा युवा वर्ग में कल्पना षक्ति तथा सर्जनात्मक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करता है
4. समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों के लिए षिक्षा प्रदान करता है
5. समाज के सभी वर्गों को उनके अवकाष के समय के सदुपयोग में सहायता करता है
विषेषताएं:-
ड़ाॅक्टर रंगनाथन के द्वारा प्रतिपादित पुस्तकालय विज्ञान के पाँच नियमों के अनुसार सार्वजनिक पुस्तकालय में निर्बाध प्रवेष प्रणाली होना चाहिए
परिभाषाएं:-
विलियम ई वाट के अनुसार:-वह पुस्तकालय जो जनता के द्वारा स्थापित जनता को समर्पित जनता के मनोरंजन के लिए निष्चित नियमो के द्वारा संचालित हो।
यूनेस्को के अनुसार:-यूनेस्को द्वारा व्यापक परिभाषा दी गई इस परिभाषा मे 1949 मे बनाई तथा 1972 और पुनः 1994 मे संषोधित की गई को यूनेस्को पब्लिक लाइबे्ररी मेनिफेस्टो मे दिया गया। मेनिफेस्टो के अनुसार जन पुस्तकालय ज्ञान जगत का स्थानीय प्रवेष द्वार है। जो व्यक्तियो तथा समुदायो को आजीवन ज्ञान प्राप्त करने तथा निर्णय लेेने की क्षमता को विकसित करता है।
बी.एस.रसेल के अनुसार:-सार्वजनिक पुस्तकालय जनता के द्वारा जनता के लिए संचालित हो।
डाॅ.एस.आर.रंगनाथन के अनुसार:-वह पुस्तकालय जिसकी सेवा निःषुल्क हो अथवा संचालन के लिए स्थानीय समितियां या सरकार पुस्तकालय का पूरा खर्चा वहन करे।
भारत मे सन् 1661 मे चेन्नई मे स्थापित अग्रंेजी उपनिवेष पुस्तकालय से षुरूआत करते हुए कुल 54856 पुस्तकालय है।
सन् 1972 को पुस्तकालय वर्ष घोषित किया गया जिसका नारा सब के लिए पुस्तके है।
स्वतंत्रता से पहले भी पष्चिम भारत मे स्थित कोलापुर राजषासी प्रदेश द्वारा सन् 1945 सार्वजनिक पुस्तकालय अधिनियिम पारित किया गया।
कुछ सार्वजनिक पुस्तकालय:-
मौलाना आजाद लाइब्रेरी:- स्थापना 1875 मे अलीगढ मे हुई। इसमे एक केन्द्रीय पुस्तकालय है यह लाइबे्ररी भारत मे सबसे बडी व एषिया की दूसरी सबसे बडी मानी जाती है यह सबसे सुन्दर लाइबे्ररी मानी जाती है।
रामपुर रजा लाइब्रेरी:- स्थापना 1774 मे नवाब फेजुल्लाह खान द्वारा।
आमेर उद्दोला पब्लिक लाइब्रेरी:- केसर बाग मे स्थित है। पुस्तकालय का निर्माण तालुकेदार की संस्था अंजुमन-ए-हिन्द ने अवध मे राजा महामुदाबाद अमीर उद्दोला की स्मृति मे 62000 हजार रूपये मे करवाया।
भारती भवन:- यह इलाहाबाद मे स्थित है व हिन्दी व उर्दू व सामाजिक है। यह श्री बालकृष्ण भट्ट व पण्डित मदन मोहन मालवीय द्वारा 1889 मे संयुक्त रूप से स्थापित किया।
सरस्वती भवन:- यह 1774 मे स्थापित हुई यह पाण्डुलिपियो का भण्डार है जो तंजोर चेन्नई मे डाॅ. गंगानाथ झा द्वारा स्थापित है।
सियाजी राव गायकवाड लाइबे्ररी:- स्थापना 1917 वर्तमान भवन ब्रिटिष संग्रहालय की तर्ज पर 1941 मे बना। इसके निर्माण के लिए महाराजा सियाजी राव से दान प्राप्त हुआ।
देष के कुछ प्रमुख सार्वजनिक पुस्तकालय:-
1. कोनिमरा पब्लिक लाइब्रेरी मद्रास
2. खुदाबक्ष ओरिएन्टल पब्लिक लाइब्रेरी पटना
3. मोती लाल नेहरू पब्लिक लाइब्रेरी हिमाचल प्रदेष
4. दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी
5. त्रिवेन्द्रम पब्लिक लाइब्रेरी केरल
1713 मे अमेरिका के फिलाडेलफिया नगर मे सबसे पहले चन्दे से चलने वाले सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना हुई।
लाइब्रेरी आॅफ काॅग्रंेस अमेरिका का सबसे बडा पुस्तकालय है। 24 अप्रेल 1800 मे वाषिंगटन मे इसमे ग्रंथो की संख्या 350 करोड है। एवं पुस्तकालय मे 2400 कर्मचारी है। सार्वजनिक पुस्तकालय कानुन सन् 1849 मे न्यूहेम्पषायर अमेरिका का पहला राज्य था।
1885 मे न्यूयाॅर्क नगर मे एक बाल पुस्तकालय स्थापित हुआ।
रंगनाथन द्वारा प्रतिपादित पुस्तकालय विज्ञान के सुत्रो के अनुसार सार्वजनिक पुस्तकालय मे ओपन एक्सेस सिस्टम/निर्वात प्रवेष प्रणाली होनी चाहिये।
भारत मे 70 हजार लाइब्रेरी है।
दिल्ली पब्लिक लाइबे्ररी एषिया की सबसे बडी व सबसे पुरानी
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना यूनेस्को व भारत सरकार द्वारा 27 अक्टूबर 1951 को हुई। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने किया व दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालयो ने एक नया प्रोजेक्ट षुरू किया - घर घर दस्तक तथा घर घर पुस्तक
पुस्तकालय के प्रकार | Types of Library and its History in Hindi (Part 2)
राष्ट्रीय पुस्तकालय के डायरेक्टर जनरल का नाम अरूण कुमार चक्रवती है व डायरेक्टर स्वप्न चक्रवर्ती है जो 2010 से अब तक है।
सार्वजनिक पुस्तकालय एक्ट (1954-1956) - अनुसुची के अनुसार प्राप्त पुस्तको के आधार पर इण्डियन नेषनल बिब्लियोग्राफी बनायी जाती है। यह राष्ट्रीय पुस्तकालय द्वारा तैयार की जाती है।
1954 एक्ट के अन्तर्गत भारत मे छपने वाली सभी पुस्तको एवं अखबार की एक-एक प्रति अपने खर्चे पर राष्ट्रीय पुस्तकालय कलकत्ता को भेजनी होती है। जम्मू कष्मीर को छोडकर 30 दिन के अन्दर यह प्रति भेजनी होती है। इसके अलावा एक-एक काॅपी भारत के तीन और सार्वजनिक पुस्तकालयो को भेजनी हेाती है।
(1) केन्द्रीय पुस्तकालय टाउन हाॅल मुम्बई
(2) दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय दिल्ली
(3) कोनमेरा चेन्नई
भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय 4 भवनो मे स्थित है - 3 तो बेलवेडियर व 1 एस्प्लेनेट
राष्ट्रीय पुस्तकालय के संग्रह को सम्रद्ध बनाने के लिए सर आषुतोष मुखर्जी ने 76 हजार पुस्तको का संग्रह दान किया। कुछ संग्रह निम्न है -
1. आषुतोष मुखर्जी संग्रह - यह सबसे उत्कृष्ठ संग्रह है।
2. रामदास सेन संग्रह
3. बरिध वरण संग्रह
4. जदूनाथ सरकार संग्रह
5. डाॅ. एस.एम.सेन संग्रह
6. सर तेज बहादूर संग्रह
भारत के राष्ट्रीय पुस्तकालयो मे सूचीकरण एंग्लो अमेरिकन केटालाॅगिंग रूल्स तथा रूल्स फाॅर डिसक्रिप्टिव केटालाॅगिंग फाॅर द लाइब्र्रेरी आॅफ काॅग्रंेस के आधार पर किया जाता है।
विषेष षीर्षको मे एकरूपता बनाये रखने के लिए Subject heading used in the sictionary catalogue & LOC का उपयोग किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पुस्तकालयो मे पुस्तको का वर्गीकरण DDC के 16वें से 19वें संस्करण के अनुसार किया जाता है।
पुस्तक पर बुक नम्बर लेखक के नाम के 3 अक्षर वाली टेबल के द्वारा लगाया जाता है।
अवकाष - 15 अगस्त , 26 जनवरी , 2 अक्टुबर
सार्वजनिक पुस्तकालय
सार्वजनिक पुस्तकालय का अर्थ है जनता द्वारा जनता के हित मे पुस्तकालय। सार्वजनिक पुस्तकालय एक सामाजिक संस्था है। इसके द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग, धर्मसम्प्रदाय, लिंग व आयु आदि के व्यक्तित्व बिना किसी भेदभाव के पाठ्य सामग्री के उपयोग की सुविधा प्रदान की जाती है।
1. प्रत्येक व्यक्ति को अच्छा राष्ट्रीय एवं विष्व नागरिक बनाने में सहायता प्रदान करता है
2. बालक बालिकाओं में पठन क्षमता तथा पठन रूचि का निर्माण एवं विकास करता है
3. बाल तथा युवा वर्ग में कल्पना षक्ति तथा सर्जनात्मक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करता है
4. समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों के लिए षिक्षा प्रदान करता है
5. समाज के सभी वर्गों को उनके अवकाष के समय के सदुपयोग में सहायता करता है
विषेषताएं:-
ड़ाॅक्टर रंगनाथन के द्वारा प्रतिपादित पुस्तकालय विज्ञान के पाँच नियमों के अनुसार सार्वजनिक पुस्तकालय में निर्बाध प्रवेष प्रणाली होना चाहिए
परिभाषाएं:-
विलियम ई वाट के अनुसार:-वह पुस्तकालय जो जनता के द्वारा स्थापित जनता को समर्पित जनता के मनोरंजन के लिए निष्चित नियमो के द्वारा संचालित हो।
यूनेस्को के अनुसार:-यूनेस्को द्वारा व्यापक परिभाषा दी गई इस परिभाषा मे 1949 मे बनाई तथा 1972 और पुनः 1994 मे संषोधित की गई को यूनेस्को पब्लिक लाइबे्ररी मेनिफेस्टो मे दिया गया। मेनिफेस्टो के अनुसार जन पुस्तकालय ज्ञान जगत का स्थानीय प्रवेष द्वार है। जो व्यक्तियो तथा समुदायो को आजीवन ज्ञान प्राप्त करने तथा निर्णय लेेने की क्षमता को विकसित करता है।
बी.एस.रसेल के अनुसार:-सार्वजनिक पुस्तकालय जनता के द्वारा जनता के लिए संचालित हो।
डाॅ.एस.आर.रंगनाथन के अनुसार:-वह पुस्तकालय जिसकी सेवा निःषुल्क हो अथवा संचालन के लिए स्थानीय समितियां या सरकार पुस्तकालय का पूरा खर्चा वहन करे।
भारत मे सन् 1661 मे चेन्नई मे स्थापित अग्रंेजी उपनिवेष पुस्तकालय से षुरूआत करते हुए कुल 54856 पुस्तकालय है।
सन् 1972 को पुस्तकालय वर्ष घोषित किया गया जिसका नारा सब के लिए पुस्तके है।
स्वतंत्रता से पहले भी पष्चिम भारत मे स्थित कोलापुर राजषासी प्रदेश द्वारा सन् 1945 सार्वजनिक पुस्तकालय अधिनियिम पारित किया गया।
कुछ सार्वजनिक पुस्तकालय:-
मौलाना आजाद लाइब्रेरी:- स्थापना 1875 मे अलीगढ मे हुई। इसमे एक केन्द्रीय पुस्तकालय है यह लाइबे्ररी भारत मे सबसे बडी व एषिया की दूसरी सबसे बडी मानी जाती है यह सबसे सुन्दर लाइबे्ररी मानी जाती है।
रामपुर रजा लाइब्रेरी:- स्थापना 1774 मे नवाब फेजुल्लाह खान द्वारा।
आमेर उद्दोला पब्लिक लाइब्रेरी:- केसर बाग मे स्थित है। पुस्तकालय का निर्माण तालुकेदार की संस्था अंजुमन-ए-हिन्द ने अवध मे राजा महामुदाबाद अमीर उद्दोला की स्मृति मे 62000 हजार रूपये मे करवाया।
भारती भवन:- यह इलाहाबाद मे स्थित है व हिन्दी व उर्दू व सामाजिक है। यह श्री बालकृष्ण भट्ट व पण्डित मदन मोहन मालवीय द्वारा 1889 मे संयुक्त रूप से स्थापित किया।
सरस्वती भवन:- यह 1774 मे स्थापित हुई यह पाण्डुलिपियो का भण्डार है जो तंजोर चेन्नई मे डाॅ. गंगानाथ झा द्वारा स्थापित है।
सियाजी राव गायकवाड लाइबे्ररी:- स्थापना 1917 वर्तमान भवन ब्रिटिष संग्रहालय की तर्ज पर 1941 मे बना। इसके निर्माण के लिए महाराजा सियाजी राव से दान प्राप्त हुआ।
देष के कुछ प्रमुख सार्वजनिक पुस्तकालय:-
1. कोनिमरा पब्लिक लाइब्रेरी मद्रास
2. खुदाबक्ष ओरिएन्टल पब्लिक लाइब्रेरी पटना
3. मोती लाल नेहरू पब्लिक लाइब्रेरी हिमाचल प्रदेष
4. दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी
5. त्रिवेन्द्रम पब्लिक लाइब्रेरी केरल
1713 मे अमेरिका के फिलाडेलफिया नगर मे सबसे पहले चन्दे से चलने वाले सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना हुई।
लाइब्रेरी आॅफ काॅग्रंेस अमेरिका का सबसे बडा पुस्तकालय है। 24 अप्रेल 1800 मे वाषिंगटन मे इसमे ग्रंथो की संख्या 350 करोड है। एवं पुस्तकालय मे 2400 कर्मचारी है। सार्वजनिक पुस्तकालय कानुन सन् 1849 मे न्यूहेम्पषायर अमेरिका का पहला राज्य था।
1885 मे न्यूयाॅर्क नगर मे एक बाल पुस्तकालय स्थापित हुआ।
रंगनाथन द्वारा प्रतिपादित पुस्तकालय विज्ञान के सुत्रो के अनुसार सार्वजनिक पुस्तकालय मे ओपन एक्सेस सिस्टम/निर्वात प्रवेष प्रणाली होनी चाहिये।
भारत मे 70 हजार लाइब्रेरी है।
दिल्ली पब्लिक लाइबे्ररी एषिया की सबसे बडी व सबसे पुरानी
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना यूनेस्को व भारत सरकार द्वारा 27 अक्टूबर 1951 को हुई। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने किया व दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालयो ने एक नया प्रोजेक्ट षुरू किया - घर घर दस्तक तथा घर घर पुस्तक
पुस्तकालय के प्रकार | Types of Library and its History in Hindi (Part 2)
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